अमलाई। (नईदुनिया न्यूज) कलेक्टर एवं जिलाधिकारी के 23 मार्च को भी जिले में जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन आदेश के के मद्देनजर ओपीएम ने भी अपने मिल के गेट बाहर से आने वाले ट्रांसपोर्टरों और कर्मचारियों के लिए बंद कर दिए है। सोमवार की सुबह से किसी भी व्यक्ति के लिए मिल में प्रवेश नही दिया जा रहा है। हालांकि कर्मचारियों की बात करे तो फिलहाल यह फरमान केवल ठेका कर्मचारियों पर ही लागू किया है स्थाई कर्मचारियों को प्रवेश दिया जा रहा है किन्तु सोचने वाली बात यह है कि क्या ठेका कर्मचारियों को उनकी रोजाना की मजदूरी दी जाएगी या नही। किन्तु ओपीएम ने सभी कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति 21 मार्च से 31 मार्च तक के लिए बंद कर दी है। क्षेत्र में सेनेटाइजर का छिड़काव आवश्यकः ओपीएम बकहो के रहवासियों द्वारा बताया गया कि कोरोना से के लिए क्षेत्र में सेनेटाइजर आदि दवाइयों का छिड़काव आवश्यक है। जिससे क्षेत्र में कोरोना का संकट पैदा न हो सके।किन्तु इस ओर न तो पंचायत द्वारा कोई पहल की जा रही और न ही ओरिएंट पेपर मिल द्वारा कोई पहल की जा रही है। क्षेत्र में धारा 144 लागू होने के बाद भी ओपीएम सोडा फैक्टरी में कुछ दुकाने और अवैध शराब की बिक्री जारी रही।और सुबह से सड़कों पर लोगो की भीड़ दिखाई दी। यहां के कर्मचारी रहे डियूटी परः अनूपपुर के अंतिम छोर पर स्थित ओपीएम की कास्टिक सोडा यूनिट जहां सुबह से कर्मचारियों को डियूटी जाते देखा गया।सुबह की शिफ्ट के समय सोडा यूनिट के गेट के सामने स्थायी और ठेका कर्मचारियों का हुजूम देखा गया। और गेट खुलने के बाद वह अंदर डियूटी पर भी गए। लेकिन इन सब से जाहिर होता है कि कास्टिक सोडा यूनिट जिलाधिकारी के आदेशों नही मानता। और न ही इस कंपनी द्वारा संक्रमण को रोकने के लिए कोई एहतियात बरती जा रही है। जिलाधिकारी ने 31 मार्च तक जिले में धारा 144 , लॉकडाउन का आदेश दिया है। सोडा फैक्टरी गेस्ट हाउस के पास अवैध शराब और कुछ दुकाने सुबह से खुली रही जहाँ लोगो का हुजूम दिखा। हालांकि ओपीएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय गुप्ता द्वारा 31 मार्च तक के लिए दोनों प्लांट को बंद करने का फैसला लिया है। जारी आदेश में मिल के प्रबंधकों ने कहा है कि हर हाल में 31 मार्च तक कर्मचारी अपने घरों में रहें और कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में मदद करें।
ओपीएम ने बंद किए कर्मचारियों के लिए मिल के गेट